संस्कारों की संस्कृति भारत भूमि हम सब की जननी यह मातृभूमि! संस्कारों की संस्कृति भारत भूमि हम सब की जननी यह मातृभूमि!
मजबूर है मजदूरी से ही जीवन अपना बिताते है। मजबूर है मजदूरी से ही जीवन अपना बिताते है।
और इन्हें बचाए और कन्या भ्रूण हत्या रोके। और इन्हें बचाए और कन्या भ्रूण हत्या रोके।
देश की प्रगति में मजदूरों का श्रम विद्यमान है। देश की प्रगति में मजदूरों का श्रम विद्यमान है।
दूरकर पाखंड सारे, चल पड़ी ये बेटियां | इंसान है कि जो भूल थी, वह सुधारती हैं बेट दूरकर पाखंड सारे, चल पड़ी ये बेटियां | इंसान है कि जो भूल थी, वह सुध...
कोरोना से तो बच गए साहब पर अर्थ तंगी से नहीं बच पायेंगे! कोरोना से तो बच गए साहब पर अर्थ तंगी से नहीं बच पायेंगे!